Saturday 27 April 2013

Indian Recipe

मेवा-पोस्त दाना की खीर


Poppy Seed - khir
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सामग्री :
डेढ़ लीटर दूध, आधा कप पोस्त दाना (खसखस, Poppy seed) भीगे हुए, 2 बड़े चम्मच शक्कर, 5-7 भीगे बादाम, पाव चम्मच इलायची पावडर, सूखे मेवे की कतरन (अंदाज से), ताजी मलाई पाव कटोरी, कुछेक केसर के लच्छे, सूखी बादाम और पिस्ता कतरन सजाने के लिए। विधि :
सबसे पहले भारी पेंदे के बर्तन में दूध को उबलने के लिए रख दें। अब भीगे बादाम के छिलके उतार लें। खसखस और बादाम को मिक्सी में पीस लें और गरम दूध में डालें। अच्छी तरह उबलने के बाद शक्कर डालें और लगातार हिलाते हुए गाढ़ा होने तक पकाएं। फिर सूखे मेवे की कतरन, इलायची डालें एवं 10-15 मिनट तक पकाएं।
तत्पश्चात मलाई डालकर मिलाएं और आंच बंद कर दें। अब ऊपर से केसर, बादाम और पिस्ता कतरन से सजाएं और पौष्टिकता से भरपूर मेवा-पोस्त दाना की खीर गरमा-गरम पेश करें। 
भुट्टे की रसमलाई




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सामग्री :
4
नरम दाने वाले भुट्टे, 1 लीटर दूध, इलायची, जायफल, केसर, सूखे मेवे कतरे हुए अंदाज से, 1/2 कप शक्कर, तलने के लिए तेल या घी।
विधि :
भुट्टों को कस लें। एक कड़ाही में तलने के लिए तेल या घी डालें, अच्‍छा गर्म करें। कसे हुए भुट्टे का मिश्रण ज्यादा नरम या गीला हो तो इसमें थोड़ा चावल का आटा या कॉर्नफ्लोर डाल दें ताकि तलते वक्त यह फैल न जाए। चाहें तो एक टी स्पून में मिश्रण लेकर कड़ाही में छोड़ें या पकौड़ों की तरह हाथ से छोड़ें। कोशिश करें कि इनका आकार गोलाई लिए हुए हो।
एक बर्तन में गुनगुना पानी लें और तली हुई भुट्टे की गोलियां इसमें कुछ देर डालकर, दबाकर निकाल लें ताकि इनका अतिरि‍क्त घी या तेल पानी में रह जाए। इन्हें निचोड़कर एक प्लेट में रखें और कुछ देर फ्रिज में रखें। एक बर्तन में दूध को उबालें। इसे लगातार चलाते रहें ताकि मलाई के लच्छे न बनें। लगभग आधा रहने तक उबालकर इसमें शक्कर और सूखे मेवे डालें। इलायची, जायफल पावडर और केसर भी डाल दें।
अब दूध को चूल्हे पर से हटा लें और ठंडा होने दें। ठंडा होने पर इसे एक कांच के प्याले में डालकर, भुट्टे की गोलियां भी इसमें डाल दें और प्याले को फ्रिज में रखें। ध्‍यान रहे रसमलाई अच्‍छी तरह दूध में डूबी रहें। लगभग दो घंटे तक ठंडा होने पर इसे परोसें।
कॉर्न सलाद विद स्प्राउट्‍स
- शुच‍ि कर्णिक



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सामग्री :
2
भुट्टे छिलके सहित, 1/2 कप अंकुरित मूंग, 1/2 कप भिगोए हुए चने, 1/2 कप भिगोए हुए मूंगफली के दाने, 4 हरी मिर्च, 25 ग्राम मक्खन, 1/2 कप बारीक कटा प्याज, टमाटर और ककड़ी (ऐच्छिक), नमक और नींबू स्वादानुसार।
विधि :
अंकुरित मूंग, भीगा चना और मूंगफली दाने थोड़े से पानी में डालकर गैस पर रख दें। आधा पकने पर चूल्हे से उतार लें। अतिरिक्त पानी निकाल दें। यदि अमेरिकन भुट्टा है तो 5 मिनट पानी में उबालें अन्यथा दोनों भुट्टों को कुकर में दो सीटी होने तक पकाएं। ठंडा होने पर दाने निकाल लें।
अब एक कड़ाही में मक्खन डालकर हरी मिर्च भूनें और अच्‍छी भून जाने पर अलग निकाल दें। इस मक्खन में भुट्टे के दाने, अंकुरित मूंग, चने और मूंगफली दाने डालें। नमक भी डालें और गैस बंद कर दें।
तुरंत ही एक प्लेट में इसे निकालें, कुछ बूंदें नींबू के रस की छिड़कें और कटा टमाटर, ककड़ी, प्याज बुरका कर सजाएं। चाहें तो भुट्टे के छिल्कों को प्लेट में बिछाकर उस पर ये सलाद सजाएं।
मैथी-मक्का की मिस्सी रोटी




Missi
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सामग्री :
250
ग्राम मक्का आटा, 1 हरी मिर्च बारीक कटी, 1 कप मैथी बारीक कटी हुई, 1 चम्मच लाल मिर्च पावडर, स्वादानुसार नमक, घी अथवा तेल।
विधि :
मक्का आटा छान लें। अब मैथी को अच्छी तरह से धो लें। आटे में मैथी, लाल मिर्च पावडर, हरी मिर्च और नमक डालकर आटे को मिला लें। अब गुनगुने गरम पानी से नरम आटा गूंथें।
गूंथे हुए आटे से आवश्यतानुसार लोई बनाएं और हाथ की सहायता से थपथपाकर बेल लें। अगर ज्यादा जरूरत हो तो बेलन का प्रयोग करें। तवा गरम करके रोटी डालें और दोनों तरफ से सेकें। सेंकते समय दोनों तरफ से घी या तेल लगाएं और कुरकुरी होने तक सेंक लें, तत्पश्चात साग, कढ़ी या चटनी के साथ गरमागरम मैथी-मक्की की मिस्सी रोटी पेश करें।
सोयाबीन का लजीज आमलेट

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सामग्री :
100
ग्राम मूंग दाल, 50 ग्राम सोयाबीन, 2 टमाटर बारीक कटे, 25 ग्राम कटा पालक, 2 छोटे प्याज बारीक कटे हुए, 1 छोटा अदरक का टुकड़ा, 2 बारीक कटी हरी मिर्च, 1 छोटा चम्मच लाल मिर्च, चुटकी भर गरम मसाला, हरा धनिया, नमक स्वादानुसार, घी अथवा तेल आवश्यकतानुसार।
विधि :
रात भर दाल और सोयाबीन को अलग-अलग भिगो दें। सुबह उसका छिलका उतार कर पुन: धोएं एवं मिक्सी में पीस लें। अब मिश्रण में प्याज, टमाटर, हरी मिर्च, पालक, हरा धनिया, अदरक एवं सभी मसाले डालकर अच्छी तरह फेंट लें।
इस मिश्रण को गरम तवे या नॉनस्टिक पैन में डालकर फैलाएं व दोनों तरफ से सुनहरा सेंक लें। तैयार सोयाबीन का लजीज आमलेट पेश करें।
चटपटी मसाला ब्रेड चाट



Licking the Bread
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सामग्री :
8-10
ब्रेड स्लाइस, 3 टमाटर पिसे हुए, 2 प्याज बड़े टुकड़ो में कटे हुए, 2-3 हरी मिर्च, लहसुन की कुछेक कलियां, 1 चम्मच अदरक, हरा धनिया (बारीक कटा), जीरा, आधा चम्मच अमचूर पावडर, आधा चम्मच हल्दी पावडर, 1 चम्मच धनिया पावडर, 1 चम्मच तेल, नमक स्वादानुसार और कप पानी, डेकोरेशन के लिए अनार के दाने और बारीक सेंव।
विधि :
प्याज और हरा धनिया, हरी मिर्च, अदरक, लहसुन को मिलाकर बारीक पीस लें। अब एक पैन में तेल गरम करके जीरा डालें। तत्पश्चात तैयार प्याज-धनिए का पेस्ट डालकर भून लें। अब टमाटर पेस्ट डालें और अच्छी तरह भून लें। इसमें धनिया, हल्दी, पानी और नमक डाल दें। अब ब्रेड के टुकड़े डाल दें।
ब्रेड जब पूरा पानी सोख लें तो गर्मागर्म मसाला ब्रेड पर अनार के दाने और बारीक सेंव बुरका कर पापड़ और प्याज के छल्लों के साथ तुरंत सर्व करें।
आलू की लच्छा टोकरी

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सामग्री :
250
ग्राम आलू, 150 ग्राम फेंटा हुआ दही, 150 ग्राम फलाहारी सेंव, 2 छोटे चम्मच फलाहारी चाट मसाला, हरी चटनी, इमली की मीठी चटनी, सेंधा नमक स्वादानुसार और हरा धनिया।
विधि :
पहले आलू को छीलकर धो लें। फिर कद्दूकस करें। अब आलुओं के लच्छों को थोड़ी देर ठंडे पानी में डालें, ‍तत्पश्चात छलनी में डालें और हाथ स निचोड़ कर सारा पानी निकाल दें।
अब इसमें थोड़ा-सा राजगिरा या सिंघाड़ा आटा बुरकें और अच्छी तरह मिला दें। एक कड़ाही में तेल गरम करें, चाय छानने की दो छलनी लेकर एक छलनी में कटोरी का आकार देते हुए थोड़े से लच्छे सेट करें, ऊपर से दूसरी छलनी से दबाते हुए गरम तेल में तल लें। क्रिस्पी होने पर पेपर पर निकालें।
क्रिस्पी आलू की लच्छा टोकरी में फलाहारी सेंव, चाट मसाला, सेंधा नमक मिलाकर भरावन भरें। ऊपर से दही डालें, दोनों तरह की चटनी डालें। हरी धनिया से सजा कर पेश करें।
फलाहारी कच्चे केले की पकौड़ी
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सामग्री :
200
ग्राम सिंघाड़े का आटा, 4-5 कच्चे केले, 2 हरी मिर्च, सेंधा नमक (व्रत में खाने वाला), अदरक का टुकड़ा, घी अथवा मूंगफली का तेल (पर्याप्त मात्रा में तलने के लिए)।
विधि :
सबसे पहले केले के दो टुकड़े करके छिलके सहित उबाल लीजिए। ध्यान रखें कि केले ज्यादा गलने न पाएं। ठंडे होने पर इनके छिलके उतार कर गोल-गोल टुकड़े काट कर रख लें। टुकड़े ज्यादा मोटे न रखें।
अब सिंघाड़े आटे का घोल तैयार करें। इसमें अपने स्वादानुसार हरी मिर्च, अदरक काट कर डालें तथा अंदाज से नमक मिला दें। घोल को गाढ़ा ही रहने दें। मोयन के लिए थोड़ा-सा घी अथवा तेल घोल में डाल दें। एक कड़ाही में घी गरम कर लें और केले के टुकड़ों को घोल में लपेट कर घी में छोड़ते जाएं। दोनों तरफ से कुरकुरे होने ‍तक सेंक लें। अब इन पकौड़ों को इमली की मीठी और हरी चटनी के साथ पेश करें। 
कच्चे केले के स्वादिष्ट पकौड़े
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सामग्री :
150
ग्राम सिंघाड़े का आटा, कच्चे केले चार-पांच, हरी मिर्च 2-3 बारीक कटी हुई, सेंधा नमक, सौंफ, काली मिर्च पावडर, तलने के लिए घी, हरा धनिया।
विधि :
केले को छिल्के सहित दो टुकड़ों में काटकर कुकर में उबाल लें। ध्यान रखें कि केले अधिक न पक जाएं। ठंडे होने पर इनके छिलके उतारकर गोल-गोल टुकड़े काटकर रख लें।
अब सिंघाड़े का घोल बनाएं। इसमें स्वादानुसार हरी मिर्च, सौंफ, काली मिर्च पावडर, नमक मिला दें। घोल गाढ़ा ही रखें। एक कड़ाही में घी गरम करके केले के टुकड़ों को घोल में लपेटकर घी में डालें और दोनों तरफ से कुरकुरे होने तक तल लें। तैयार पकौड़‍ियों इमली की चटनी और हरी चटनी के साथ पेश करें। 
कच्चे केले की मनभावन चिप्स
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सामग्री :
आधा दर्जन कच्चे केले, आधा छोटा चम्मच काली मिर्च पिसी हुई, सेंधा नमक एक छोटा चम्मच, आधा चम्मच भूने जीरे का पावडर, तलने के लिए घी अथवा तेल।
विधि :
सबसे पहले कच्चे केले के छिलके उतार लीजिए। अब एक कड़ाही में घी अथवा तेल गरम रखें, तेल गरम होने के पश्चात किसनी के माध्यम से तेल में चिप्स घिसती जाएं। चिप्स कुरकुरी होने पर तेल से बाहर निकाल लें।
ऊपर से काली मिर्च, जीरा पावडर और सेंधा नमक बुरकाएं। ठंडी होने पर चिप्स को एयर टाइट डिब्बे में भर कर रख दें। फिर घर में बनी शुद्ध केले की चिप्स से फलाहार करें। आप चाहे तो ऊपर से सूखा या तला हरा धनिया डालकर पेश करें।

Indian Recipe

मूंग दाल की चटपटी पंडोली



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सामग्री :
2
कप मूंग की छिल्के वाली दाल, 1 छोटा चम्मच हरी मिर्च, अदरक का पेस्ट, 1 चुटकी मीठा सोडा, 1/2 चम्मच राई, सरसों, जीरा, 1 चुटकी हींग, 1 बड़ा चम्मच तेल, नमक स्वादानुसार, हरा धनिया पत्ती।
विधि :
मूंग दाल कबनानतीन-चाघंटपूर्पानमेभिगोकदेंतत्पश्चाउसमें हरी मिर्च, अदरक का पेस्ट, सोडा व नमक डालकर मिक्सर में पीस लें। एक पैन में तेल गरम करके राई, सरसों, जीरा, हींग का तड़का लगाकर पिसी हुई सामग्री डालकर अच्छी तरह मिलाकर उतार लें। इसके बाद इडली स्टैंड में तेल लगाकर पेस्ट डालें और 15-20 मिनट स्टीम करके निकालें। तैयार पंडोली को सर्विस डिश में निकालकर ऊपर से हरा धनिया डालकर हरी चटनी या टोमॅटो सॉस के साथ गरम-गरम सर्व करें।
खस्ता बेसनी कचोरी




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सामग्री :
1
कटोरी गेहूं का आटा, 1 कटोर मैदा, 2 चम्मच मोयन का तेल, नमक, अजवाइन।
भरने की सामग्री :
1
कटोरी बेसन, नमक, लाल मिर्च, जीरा, सौंफ, तिल्ली, धनिया, गरम मसाला, मोयन का तेल।
विधि :
आटे में सब सामग्री मिलाकर पूड़ी जैसा आटा गूंथ कर थोड़ी देर के लिए रख दें। अब बेसन में सारे मसाले डालें और अच्छा मोयन डालकर गोली बन जाए, ऐसा गूंथ कर छोटी-छोटी गोली बना लें।
आटे की लोई बनाकर पूरी बेलें, फिर बेसन की गोली रखकर हाथ से गोल-गोल दबाते हुए कचोरी बना लें। एक तेल गरम करके धीमी आंच पर सारी कचोरी तल लें। अब गरमा-गरम कचोरी चटनी के साथ पेश करें। यह कचोरी चार दिन के लिए रखने पर भी खराब नहीं होती। चाहे तो इसे चाट की सामग्री डलकर भी खा सकते हैं। 
चना दाल की नमकीन पूरन पूरी




Puran Poli
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सामग्री :
400
ग्राम गेहूं का आटा, 200 ग्राम चना दाल, 1-1 चम्मच लहसुन, अदरक व हरी मिर्च का पेस्ट, नमक, लाल मिर्च पावडर, हल्दी स्वादानुसार, चुटकी भर हींग व हरा धनिया व तेल।
विधि :
चना दाल को दो घंटे पहले पानी में भिगो दें। आटे में नमक व मोयन डालकर गूंथ लें। दाल को उबाल लें। ठंडा होने पर पीस लें। कड़ाही को गैस पर रखें, उसमें दो चम्मच तेल रखकर सौंफ व हींग का बघार देकर अदरक-लहसुन का पेस्ट डालकर हल्का-सा सेंकें व पिसी हुई दाल व सभी मसाले डालकर धीमी आंच पर हल्का गुलाबी होने तक सेकें। ऊपर से हरा धनिया डालें।
अब आटे की छोटी-छोटी लोई बना कर बेल लें और मसाला भरे। हलके हाथों से बेल कर तवे पर तेल लगाकर दोनों ओर से सेकें। लाजवाब नमकीन पूरी आमटी, टमाटर सॉस या हरी चटनी के साथ परोसें। 
लज्जतदार बटाटा बड़ा



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सामग्री :
500
ग्राम उबले एवं मैश किए हुए आलू, 250 ग्राम बेसन, 2-3 हरी मिर्च, पाव कटोरी हरा धनिया, एक चम्मच सौंफ, थोड़ी-सी हींग, लाल मिर्च एक चम्मच, पाव चम्मच हल्दी, गरम मसाला आधा चम्मच, साइट्रिक एसिड पाव चम्मच, काला नमक आधा चम्मच, तलने के लिए तेल, नमक स्वादानुसार।
विधि :
सर्वप्रथम बेसन में आधा चम्मच नमक और एक बड़ा चम्मच तेल का मोयन डालकर गाढ़ा घोल तैयार कर लें। अब हरी मिर्च और हरे धनिया को बारीक काट लें। मैश किए आलू में उपरोक्त सभी मसाला सामग्री मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें। इनके छोटे-छोटे गोले बना लें।
एक कड़ाही में तेल गरम करें। बेसन के घोल में आलू के गोले डुबाएं और कुरकुरे, सुनहरे होने तक तल लें। अब तैयार आलू बड़ों को हरी चटनी, इमली की मीठी चटनी के साथ गरमा गरम पेश करें।
लजीज भांगयुक्त ठंडाई



Thandai
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सामग्री :
400
ग्राम दूध, शक्कर डेढ़ कप, 10-15 बादाम, पाव कटोरी खरबूजे के बीज, पाव कटोरी खसखस, 2 चम्मच सौंफ, 1/2 चम्मच इलायची पावडर, 1 चम्मच गुलाब जल, 2 छोटे चम्मच भांग का चूर्ण, पाव चम्मच काली मिर्च पावडर, 4-5 केसर के लच्छे, 2 संतरा छिले हुए, 100 ग्राम अंगूर।
विधि :
सबसे पहले दो कप पानी लेकर शक्कर गला लें। फिर सभी मेवा सामग्री को मिक्स करके 3-4 घंटे के लिए भिगो कर रखें। त‍त्पश्चात पानी निथारकर मिक्सी में बारीक पीस लें। पतले कपड़े की सहायता से पीसे हुए ‍मिश्रण को छान लें।
उसमें थोडा पानी, शक्कर और अंगूर और संतरे मसलते हुए पूरी ठंडाई को छान लें। अब उसमें भांग की दो गोलियां मिलाएं और अच्छी तरह घोंट लें। थोड़ी देर के लिए फ्रिज में रखें। ठंडी होने के पश्चात लजीज भांगयुक्त ठंडाई कांच के गिलासों में भरकर पेश करें और रंगबिरंगी होली पर्व का उठाएं।
लजीज जाफरानी पूरन पोली



puran poli
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सामग्री :
300
ग्राम गेहूं का आटा, 200 ग्राम चने दाल, 300 ग्राम शक्कर, 100 ग्राम शुद्ध घी, एक चम्मच इलायची पावडर, 2 ग्राम जायफल, 10-15 केसर के लच्छे (एक छोटे चम्मच दूध में गले हुए)।
विधि :
चना दाल को धोकर, प्रेशर कुकर में दाल से डबल पानी लेकर पकने रख दें। 2-3 सीटी लेने के बाद गैस बंद कर देंगे। अब उबली दाल को स्टील की छन्नी डाल कर उसका सारा पानी निकल लें। दाल ठंडी होने पर उसमें आधी शक्कर मिलाकर मिक्सी में पीस लें। दाल को एक कड़ाही में निकालकर बची शक्कर भी मिला दें।
मिश्रण को कम आंच पर रखकर पकाएं। जब तक पूरन की गोली न बनने लगे। अब गैस बंद करके जायफल, इलायची, केसर डालकर ठंडा कर लें।
तत्पश्चात पूरन पोली के लिए एक थाली में आटा लें। उसमें शुद्ध घी का मोयन (1 बड़ा चम्मच) डालकर गूंथ लें। इसकी छोटी-छोटी लोइयां बनाकर पूरन का जरूरतानुसार गोला रखकर मोटी रोटी की तरह आटा लगाकर बेल लें। गरम तवे पर शुद्ध घी लगाकर दोनों तरफ गुलाबी सेंक लें। प्रत्येक पूरन-पोली पर खूब सारा घी डालकर गरमागरम कढ़ी के साथ पेश करें। 
ड्रायफ्रूट्‍स विद ठंडाई का शर्बत



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सामग्री :
60
ग्राम बादाम, 60 ग्राम खसखस, पानी आधा लीटर, 5 ग्राम साइट्रिक एसिड, 1 किलो चीनी, एक चम्मच छोटी इलायची पावडर, 10 ग्राम काली मिर्च, 25 ग्राम खरबूज-तरबूज के बीज, 100 मिली गुलाब जल, 2 ग्राम पोटेशियम मेटाबाई सल्फेट, 25 एमएल केवड़ा जल, 20 ग्राम गुलाब की पत्तियां।
विधि :
सर्वप्रथम रात को बादाम गिरी, तरबूज-खरबूज के बीज आदि को अलग-अलग बर्तन में भिगो कर रखें। दूसरे दिन बादाम का छिलका उतार कर सिलबट्‍टे पर बारीक पीस लें। अब सभी मसाले, गिरिया, गुलाब की ‍पत्तियां एक साथ पीस लें।
शक्कर की एक तार की चाशनी बनाकर साइट्रिक एसिड और पिसी बादाम और मसालों का मिश्रण मिलाएं। 10 से 15 मिनट तक उबालें। इसे आंच से उतारकर छान लें। छाने गए मिश्रण में ठंडा होने पर एसेंस, गुलाब जल और परिरक्षक मिलाएं और छोटे मुंह वाली बोतलों में भर कर रख दें।
गर्मियों के दिनों में मेहमानों के स्वागत के लिए खास तौर पर तैयार किया गया ठंडाई का शर्बत बहुउपयोगी सिद्ध होगा। 





जामुन के फायदे

jamun ke faayade
जामुन के फायदे 

जामुन खाने में तो स्वादिष्ट  होता ही साथ ही इसके कई औषधीय गुण भी होते हैं। जामुन को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है – राजमन, काला जामुन, जमाली, ब्लैकबेरी आदि। इसकी प्रकृति अम्लीय और कसैली होती है, लेकिन इसका स्वाद खाने में मीठा होता है। अम्लीय होने के कारण जामुन को नमक के साथ खाया जाता है। जामुन में ग्लूकोज और फ्रक्टोज पाया जाता है। इसमें खनिजों की मात्रा अधिक होती है। इसके बीज में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। जामुन में आयरन, विटामिन और फाइबर पाया जाता है। आइए जानते हैं कि जामुन आपके स्वास्‍थ्‍य के लिए कितना फायदेमंद है। 


जामुन के फायदे – 
जामुन शरीर की पाचनशक्ति को मजबूत करता है। जामुन खाने से पेट सं‍बंधित विकार कम होते हैं। 
मधुमेह के उपचार के लिए जामुन बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। मधुमेह के रोगी जामुन की गुठलियों को सुखाकर, पीसकर उनका सेवन करें। इससे शुगर का स्तर ठीक रहता है। 
जामुन में एंटी कैंसर के गुण भी पाये जाते हैं। कीमोथेरेपी और रेडिएशन में भी जामुन फायदेमंद होता है।
जामुन का पका हुआ फल खाने से पथरी में फायदा होता है। जामुन की गुठली के चूर्ण को दही के साथ मिलाकर खाने से पथरी में फायदा होता है। 
लीवर के लिए जामुन का प्रयोग बहुत फायदेमंद होता है। कब्ज और पेट के रोगों के लिए जामुन बहुत फायदेमंद होता है। 
मुंह में छाले होने पर जामुन के रस का प्रयोग करने से छाले समाप्त हो जाते हैं। 
दस्त या खूनी दस्त होने पर जामुन बहुत फायदेमंद है। दस्त होने पर जामुन के रस को सेंधानमक के साथ मिलाकर खाने से दस्त होना बंद हो जाता है। 
मुंहासे होने पर, जामुन की गुठलियों को सुखाकर पीस लीजिए। इस पाउडर में रात को सोते समय गाय का दूध मिलाकर चेहरे पर लगाइए, इस लेप को सुबह ठंडे पानी से धुल लीलिए। 
अगर आवाज फंस गई हो या फिर बोलने में दिक्कत हो रही हो तो, जामुन की गुठली के काढे से कुल्ला कीजिए। आवाज को मधुर बनाने के लिए जामुन का काढा बहुत फायदेमंद है। 
जामुन की छाल को बारीक पीसकर हर रोज मंजन करने से दांत मजबूत और रोगरहित होते हैं। 
एसिडिटी होने पर जामुन को काला नमक, भूना हुआ चूर्ण और काला नमक के साथ सेवन कीजिए। एसिडिटी समाप्त हो जाएगी। 


जामुन खाने में तो स्वादिष्ट होता ही साथ ही इसके कई औषधीय गुण भी होते हैं। जामुन को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है – राजमन, काला जामुन, जमाली, ब्लैकबेरी आदि। इसकी प्रकृति अम्लीय और कसैली होती है, लेकिन इसका स्वाद खाने में मीठा होता है। अम्लीय होने के कारण जामुन को नमक के साथ खाया जाता है। जामुन में ग्लूकोज और फ्रक्टोज पाया जाता है। इसमें खनिजों की मात्रा अधिक होती है। इसके बीज में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। जामुन एक स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक फल है। जामुन आयरन, विटामिन और फाइबर पाया जाता है। आइए जानते हैं कि जामुन आपके स्वास्‍थ्‍य के लिए कितना फायदेमंद है। 

जामुन के फायदे – 

  • जामुन शरीर की पाचनशक्ति को मजबूत करता है। जामुन खाने से पेट सं‍बंधित विकार कम होते हैं। 
  • मधुमेह के उपचार के लिए जामुन बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। मधुमेह के रोगी जामुन की गुठलियों को सुखाकर, पीसकर उनका सेवन करें। इससे शुगर का स्तर ठीक रहता है। 
  • जामुन में एंटी कैंसर के गुण भी पाये जाते हैं। कीमोथेरेपी और रेडिएशन में भी जामुन फायदेमंद होता है।
  • जामुन का पका हुआ फल खाने से पथरी में फायदा होता है। जामुन की गुठली के चूर्ण को दही के साथ मिलाकर खाने से पथरी में फायदा होता है। लीवर के लिए जामुन का प्रयोग बहुत फायदेमंद होता है। कब्ज और पेट के रोगों के लिए जामुन बहुत फायदेमंद होता है। 
  • मुंह में छाले होने पर जामुन के रस का प्रयोग करने से छाले समाप्त हो जाते हैं। 
  • दस्त या खूनी दस्त होने पर जामुन बहुत फायदेमंद है। दस्त होने पर जामुन के रस को सेंधानमक के साथ मिलाकर खाने से दस्त होना बंद हो जाता है। 
  • मुंहासे होने पर, जामुन की गुठलियों को सुखाकर पीस लीजिए। इस पाउडर में रात को सोते समय गाय का दूध मिलाकर चेहरे पर लगाइए, इस लेप को सुबह ठंडे पानी से धुल लीलिए। 
  • अगर आवाज फंस गई हो या फिर बोलने में दिक्कत हो रही हो तो, जामुन की गुठली के काढे से कुल्ला कीजिए। आवाज को मधुर बनाने के लिए जामुन का काढा बहुत फायदेमंद है। 
  • जामुन की छाल को बारीक पीसकर हर रोज मंजन करने से दांत मजबूत और रोगरहित होते हैं। 
  • एसिडिटी होने पर जामुन को काला नमक, भूना हुआ चूर्ण और काला नमक के साथ सेवन कीजिए। एसिडिटी समाप्त हो जाएगी।

बालों को झड़ने से रोकेंगे ये घरेलू उपाय

चमत्कारी मेंहदी

एक कप सरसों के तेल को 4 चम्‍मच मेंहदी के पत्तों के साथ उबाल लें। इस तेल को एक बोतल में डालकर रख लें और रोज इस तेल को इस्‍तेमाल अपने बालों में करें। यह गंजेपन से बचने के लिए बहुत ही कारगर उपाय माना जाता है।

अदरक के फायदे

adarak ke fayde
अदरक के फायदे

अदरक को आयुर्वेदिक महा-औषधि के रूप में जाना जाता है। कई वैज्ञानिक शोध इस बात की पुष्टि भी करते हैं। अदरक में शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। ताजा  अदरक में 81% पानी, 2.5% प्रोटीन, 1% वसा, 2.5% रेशे और 13% कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। इसके अलावा अदरक में आयरन, कैल्शियम, आयोडीन, क्लो‍रीन व विटामिन सहित कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। अदरक को ताजा और सूखा दोनों प्रकार से प्रयोग किया जा सकता है। अदरक एक मजबूत एंटीवायरल भी है। आइए हम आपको अदरक के फायदे के बारे में बताते हैं। 


अदरक खाने के फायदे – 

त्वचा के लिए – अदरक का सेवन करने से त्वचा आकर्षित और चमकदार होती है। सुबह-सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी के साथ अदरक का टुकडा खाइए। इससे आपकी त्वचा में निखार आएगा और आप जवां दिखेंगे। 

खांसी के लिए – खांसी में अदरक बहुत फायदेमंद होता है। खांसी आने पर अदरक के छोटे टुकडे को बराबर मात्रा में शहद के साथ गर्म करके दिन में दो बार सेवन कीजिए। इससे खांसी आना बंद हो जाएगा और गले की खराश भी समाप्त होगी। 

भूख की कमी के लिए – अगर भूख लगने में दिक्कत हो रही हो तो अदरक का नियमित सेवन करने से भूख न लगने की समस्या का निजात मिल जाएगा। अदरक को बारीक काटकर, थोडा सा नमक लगाकर दिन में एक बार लगातार आठ दिन तक खाइए। इससे पेट साफ होगा और ज्यादा भूख लगेगी। 


हाजमे के लिए – पेट और कब्ज की समस्या के‍ लिए अदरक बहुत फायदेमंद है। अदरक को अजवाइन और नींबू के रस के साथ थोडा सा नमक मिलाकर खाइए। इससे पेट का दर्द ठीक होगा और खट्टी-मीठी डकार आना बंद हो जाएगी। 

उल्टी के लिए – अगर बार-बार उल्टी आ रही हो तो अदरक को प्याज के रस के साथ दो चम्मच पिला दीजिए। इससे उल्टी आना बंद हो जाएगी। 

सर्दी और जुकाम के लिए – सर्दी और जुकाम में अदरक बहुत फायदेमंद है। सर्दी होने पर अदरक की चाय पीने से फायदा होता है। इसके अलावा अदरक के रस को शहद में मिलाकर गर्म करके पीने से फायदा होता है। 


कैंसर के लिए – अदरक में कोलेस्ट्राल का स्तर कम करने, खून का थक्का जमने से रोकने, एंटी फंगल और कैंसर के प्रति प्रतिरोधी होने के गुण भी पाए जाते हैं। 

अन्य बीमारियों के लिए – अदरक को दवा के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। अदरक का सेवन करने से गठिया, अर्थराइटिस, साइटिका, गर्दन और रीढ की हड्डियों के रोग (सर्वाइकल स्पांसडिलाइटिस) के इलाज में किया जा सकता है। अदरक महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता को दूर करने में भी मददगार होता है। 


अदरक के अन्य फायदे – 
अदरक खाने से मुंह के हानिकारक बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं।  
अदरक का कोलेस्ट्रोल को भी कंट्रोल करता है जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है।
अदरक का प्रयोग करने से शरीर में खून के थक्के नहीं जमते। 
अदरक का रस और पानी बराबर मात्रा में पीने से दिल सम्बंधित बीमारियां नहीं होतीं । 


हानिकारक प्रभाव :

अदरक की तासीर गर्म होती है। जिन व्यक्तियों को गर्मी के मौसम में गर्म प्रकृति का भोजन न पचता हो, कुष्ठ, पीलिया, रक्तपित्त, घाव, ज्वर, शरीर से रक्तस्राव की स्थिति, मूत्रकृच्छ, जलन जैसी बीमारियों में इसका सेवन नहीं करना चाहिए। खून की उल्टी होने पर और गर्मी के मौसम में अदरक का सेवन नहीं करना चाहिए और यदि आवश्यकता हो तो कम से कम मात्रा में प्रयोग करना चाहिए।


अदरक को आयुर्वेदिक महा-औषधि के रूप में जाना जाता है। कई वैज्ञानिक शोध इस बात की पुष्टि भी करते हैं। अदरक में शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। ताजा अदरक में 81% पानी, 2.5% प्रोटीन, 1% वसा, 2.5% रेशे और 13% कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। इसके अलावा अदरक में आयरन, कैल्शियम, आयोडीन, क्लो‍रीन व विटामिन सहित कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। अदरक को ताजा और सूखा दोनों प्रकार से प्रयोग किया जा सकता है। अदरक एक मजबूत एंटीवायरल भी है। आइए हम आपको अदरक के फायदे के बारे में बताते हैं। 


अदरक खाने के फायदे – 
त्वचा के लिए – अदरक का सेवन करने से त्वचा आकर्षित और चमकदार होती है। सुबह-सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी के साथ अदरक का टुकडा खाइए। इससे आपकी त्वचा में निखार आएगा और आप जवां दिखेंगे। 
खांसी के लिए – खांसी में अदरक बहुत फायदेमंद होता है। खांसी आने पर अदरक के छोटे टुकडे को बराबर मात्रा में शहद के साथ गर्म करके दिन में दो बार सेवन कीजिए। इससे खांसी आना बंद हो जाएगा और गले की खराश भी समाप्त होगी। 
भूख की कमी के लिए – अगर भूख लगने में दिक्कत हो रही हो तो अदरक का नियमित सेवन करने से भूख न लगने की समस्या का निजात मिल जाएगा। अदरक को बारीक काटकर, थोडा सा नमक लगाकर दिन में एक बार लगातार आठ दिन तक खाइए। इससे पेट साफ होगा और ज्यादा भूख लगेगी। 
हाजमे के लिए – पेट और कब्ज की समस्या के‍ लिए अदरक बहुत फायदेमंद है। अदरक को अजवाइन और नींबू के रस के साथ थोडा सा नमक मिलाकर खाइए। इससे पेट का दर्द ठीक होगा और खट्टी-मीठी डकार आना बंद हो जाएगी। 
उल्टी के लिए – अगर बार-बार उल्टी आ रही हो तो अदरक को प्याज के रस के साथ दो चम्मच पिला दीजिए। इससे उल्टी आना बंद हो जाएगी। 
सर्दी और जुकाम के लिए – सर्दी और जुकाम में अदरक बहुत फायदेमंद है। सर्दी होने पर अदरक की चाय पीने से फायदा होता है। इसके अलावा अदरक के रस को शहद में मिलाकर गर्म करके पीने से फायदा होता है। 
कैंसर के लिए – अदरक में कोलेस्ट्राल का स्तर कम करने, खून का थक्का जमने से रोकने, एंटी फंगल और कैंसर के प्रति प्रतिरोधी होने के गुण भी पाए जाते हैं। 
अन्य बीमारियों के लिए – अदरक को दवा के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। अदरक का सेवन करने से गठिया, अर्थराइटिस, साइटिका, गर्दन और रीढ की हड्डियों के रोग (सर्वाइकल स्पांसडिलाइटिस) के इलाज में किया जा सकता है। अदरक महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता को दूर करने में भी मददगार होता है। 



अदरक के अन्य फायदे – 
  • अदरक खाने से मुंह के हानिकारक बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं। 
  • अदरक का कोलेस्ट्रोल को भी कंट्रोल करता है जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है।
  • अदरक का प्रयोग करने से शरीर में खून के थक्के नहीं जमते। 
  • अदरक का रस और पानी बराबर मात्रा में पीने से दिल सम्बंधित बीमारियां नहीं होतीं । 

हानिकारक प्रभाव :
अदरक की तासीर गर्म होती है। जिन व्यक्तियों को गर्मी के मौसम में गर्म प्रकृति का भोजन न पचता हो, कुष्ठ, पीलिया, रक्तपित्त, घाव, ज्वर, शरीर से रक्तस्राव की स्थिति, मूत्रकृच्छ, जलन जैसी बीमारियों में इसका सेवन नहीं करना चाहिए। खून की उल्टी होने पर और गर्मी के मौसम में अदरक का सेवन नहीं करना चाहिए और यदि आवश्यकता हो तो कम से कम मात्रा में प्रयोग करना चाहिए।

हल्दी रोग भगाए जल्दी

haldi rog bhagaye zaldi

हल्दी रोग भगाए जल्दी

हल्दी का प्रयोग लगभग सभी प्रकार के खाने में किया जाता है। यह व्यंजनों के स्वाद में तो इजाफा करती ही है साथ ही इसमें अनेक औषधीय गुण भी होते हैं। त्वचा, पेट और शरीर की कई बीमारियों में हल्दी का प्रयोग किया जाता है। हल्दी के पौधे से मिलने वाली इसकी गांठे ही नहीं बल्कि इसके पत्ते भी बहुत उपयोगी होते हैं। आइए हम आपको हल्दी के गुणों के बारे में बताते हैं। 

हल्दी का प्रयोग करने से लाभ – 

दाग, धब्बे व झाइंया मिटाने के लिए हल्दी बहुत फायदेमंद है। चेहरे पर दाग या झाइंया चेहरे के दाग-धब्बे और झाइयां हटाने के लिए हल्दी और काले तिल को बराबर मात्रा में पीसकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं।
हल्दी् को दूध में मिलाकर इसका पेस्ट बना लीजिए। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाने से त्वचा का रंग निखरता है और आपका चेहरा खिला-खिला दिखेगा। 
लीवर संबंधी समस्याओं में भी इसे बहुत उपयोगी माना जाता है। 
सर्दी-खांसी होने पर दूध में कच्ची हल्दी पाउडर डालकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है। 
पेट में कीड़े होने पर 1 चम्मच हल्दी पाउडर में थोडा सा नमक मिलाकर रोज सुबह खाली पेट एक सप्ताह तक ताजा पानी के साथ लेने से कीड़े खत्म हो जाते हैं। 
खांसी होने पर हल्दी का इस्तेमाल कीजिए। अगर खांसी आने लगे तो हल्दी की एक छोटी सी गांठ मुंह में रख कर चूसें, इससे खांसी नहीं आती। 
अगर त्वचा पर अनचाहे बाल उग आए हों तो इन बालों को हटाने के लिए हल्दी पाउडर को गुनगुने नारियल तेल में मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को हाथ-पैरों पर लगाएं। ऐसा करने से शरीर के अनचाहे बालों से निजात मिलती है। 
धूप में जाने के कारण त्वचा अक्सर टैन्ड हो जाती है। टैन्ड त्वचा से निजात पाने के लिए हल्दी पाउडर, बादाम चूर्ण और दही मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाइए। इससे त्वचा का रंग निखर जाता है और सनबर्न की वजह से काली पड़ी त्वचा भी ठीक हो जाती है। यह एक तरह से सनस्क्रीन लोशन की तरह काम करता है।
मुंह में छाले होने पर गुनगुने पानी में हल्दी पाउडर मिलाकर कुल्ला करें या हलका गर्म हल्दी पाउडर छालों पर लगाएं। इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। 
चोट लगने या मोच होने पर हल्दी बहुत फायदा करती है। मांसपेशियों में खिंचाव या अंदरूनी चोट लगने पर हल्दी का लेप लगाएं या गर्म दूध में हल्दी पाउडर डालकर पीजिए।
हल्दी का प्रयोग करने से खून साफ होता है जिससे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढती है। 
अनियमित माहवारी को नियमित करने के लिए महिलाएं हल्दी का इस्तेमाल कर सकती हैं। 

गुणकारी हल्दी के अलग-अलग लाभ उठाने के लिए आपको किसी वैद्य या विशेषज्ञ की शरण में जाने की जरूरत नहीं है। अपने घर पर ही छोटे-छोटे प्रयोग कर इसके अलग-अलग लाभ उठाए जा सकते हैं। 

हल्दी का प्रयोग लगभग सभी प्रकार के खाने में किया जाता है। यह व्यंजनों के स्वाद में तो इजाफा करती ही है साथ ही इसमें अनेक औषधीय गुण भी होते हैं। त्वचा, पेट और शरीर की कई बीमारियों में हल्दी का प्रयोग किया जाता है। हल्दी के पौधे से मिलने वाली इसकी गांठे ही नहीं बल्कि इसके पत्ते भी बहुत उपयोगी होते हैं। आइए हम आपको हल्दी के गुणों के बारे में बताते हैं। 



हल्दी का प्रयोग करने से लाभ – 

  • दाग, धब्बे व झाइंया मिटाने के लिए हल्दी बहुत फायदेमंद है। चेहरे पर दाग या झाइंया चेहरे के दाग-धब्बे और झाइयां हटाने के लिए हल्दी और काले तिल को बराबर मात्रा में पीसकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं।
  • हल्दी को दूध में मिलाकर इसका पेस्ट बना लीजिए। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाने से त्वचा का रंग निखरता है और आपका चेहरा खिला-खिला दिखेगा। 
  • लीवर संबंधी समस्याओं में भी इसे बहुत उपयोगी माना जाता है। 
  • सर्दी-खांसी होने पर दूध में कच्ची हल्दी पाउडर डालकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है। 
  • पेट में कीड़े होने पर 1 चम्मच हल्दी पाउडर में थोडा सा नमक मिलाकर रोज सुबह खाली पेट एक सप्ताह तक ताजा पानी के साथ लेने से कीड़े खत्म हो जाते हैं। 
  • खांसी होने पर हल्दी का इस्तेमाल कीजिए। अगर खांसी आने लगे तो हल्दी की एक छोटी सी गांठ मुंह में रख कर चूसें, इससे खांसी नहीं आती। 
  • अगर त्वचा पर अनचाहे बाल उग आए हों तो इन बालों को हटाने के लिए हल्दी पाउडर को गुनगुने नारियल तेल में मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को हाथ-पैरों पर लगाएं। ऐसा करने से शरीर के अनचाहे बालों से निजात मिलती है।



  • धूप में जाने के कारण त्वचा अक्सर टैन्ड हो जाती है। टैन्ड त्वचा से निजात पाने के लिए हल्दी पाउडर, बादाम चूर्ण और दही मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाइए। इससे त्वचा का रंग निखर जाता है और सनबर्न की वजह से काली पड़ी त्वचा भी ठीक हो जाती है। यह एक तरह से सनस्क्रीन लोशन की तरह काम करता है।
  • मुंह में छाले होने पर गुनगुने पानी में हल्दी पाउडर मिलाकर कुल्ला करें या हलका गर्म हल्दी पाउडर छालों पर लगाएं। इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। 
  • चोट लगने या मोच होने पर हल्दी बहुत फायदा करती है। मांसपेशियों में खिंचाव या अंदरूनी चोट लगने पर हल्दी का लेप लगाएं या गर्म दूध में हल्दी पाउडर डालकर पीजिए।
  • हल्दी का प्रयोग करने से खून साफ होता है जिससे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढती है। 
  • अनियमित माहवारी को नियमित करने के लिए महिलाएं हल्दी का इस्तेमाल कर सकती हैं। 


गुणकारी हल्दी के अलग-अलग लाभ उठाने के लिए आपको किसी वैद्य या विशेषज्ञ की शरण में जाने की जरूरत नहीं है। अपने घर पर ही छोटे-छोटे प्रयोग कर इसके अलग-अलग लाभ उठाए जा सकते हैं।

बवासीर के लिए घरेलू उपचार

bavaasir ke liye gharelu upchar
जीवनशैली और खान-पान के कारण पाइल्‍स के रोगियों की संख्‍या तेजी से बढ़ रही है। देर तक कुर्सी पर बैठना और बिना किसी शेड्यूल के कुछ भी खा लेना इसका प्रमुख कारण है। बवासीर दो प्रकार की होती है – खूनी बवासीर और वादी बवासीर। खूनी बवासीर में मस्‍से सुर्ख होते हैं जिसके कारण खून निकलता है जबकि वादी बवासीर में मस्‍से काले होते हैं। बवासीर बेहद तकलीफदेह होती है। आइए हम आपको कुछ घरेलू नुस्‍खों के बारे में बताते हैं जिसका प्रयोग करके बवासीर और इससे होने वाले दर्द में राहत मिल सकती है।


पाइल्‍स के लिए घरेलू नुस्‍खे –
  • खूनी बवासीर में नींबू बीच में से काटकर उसमें लगभग 4-5 ग्राम कत्‍था पीसकर डाल दीजिए। इन दोनों टुकड़ों को रात में छत पर खुला रख दीजिए। सुबह उठकर दोनों टुकड़ों को चूस लीजिए। इस प्रयोग को पांच दिन तक कीजिए। पाइल्‍स में फायदा होता है।  
  • नीम के छिलके सहित निंबौरी के पाउडर को प्रतिदिन 10 ग्राम रोज सुबह रात में रखे पानी के साथ सेवन कीजिए, इससे फायदा होगा। लेकिन यह ध्‍यान रखिए इस नुस्‍खे को अपनाते वक्‍त आपके खाने में देशी घी होना चाहिए।
  • खूनी बवासीर में खून को रोकने के लिए 10 से 12 ग्राम धुले हुए काले तिल को ताजा मक्खन के साथ लीजिए। इसे लेने से भी बवासीर में खून आना बंद हो जाता है।
  • जीरे को पीसकर मस्‍सों पर लगाने से फायदा मिलता है, इसके साथ ही जीरे को भूनकर मिश्री के साथ मिलाकर चूसने से फायदा मिलता है।
  • पके हुए केले को दो टुकड़ों में काटकर उसपर कत्‍था पीसकर छिड़क दीजिए। इन टुकड़ों को रात में खुले आसमान में रख दीजिए। सुबह उठकर केले के टुकड़ों को खाइए। इस क्रिया को एक हफ्ते तक कीजिए, बवासीर ठीक हो जाएगा।
  • आंवला पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। बवासीर की समस्‍या होने पर आंवले के चूर्ण को सुबह-शाम शहद के साथ पीने से फायदा होता है।
  • लगभग 50 ग्राम बड़ी इलायची को तवे पर रखकर भूनते हुए जला लीजिए। ठंडी होने के बाद इस इलायची को पीस लीजिए। रोज सुबह इस चूर्ण को पानी के साथ खाली पेट लेने से बवासीर ठीक हो जाता है।


  • दूध का ताजा मक्‍खन और काला तिल लगभग एक ग्राम, दोनों को मिलकार खाने से फायदा होता है।
  • जंगली गोभी भी बवासीर के लिए बहुत फायदेमंद है। जंगली गोभी को घी में पकाकर उसमें सेंधा नमक डालकर आठ दिन रोटी के साथ खाइए। इससे बवासीर ठीक होता है।
  • गुड़ के साथ हरड खाने से बवासीर ठीक होता है।
  • हर रोज दही और छाछ खाने से बवासीर होने की संभावना कम होती है और बवासीर में फायदा भी होता है।
  •  
बवासीर बहुत ही पीड़ादायक रोग है। इसका दर्द असहनीय होता है। इन घरेलू नुस्‍खों का प्रयोग करके काफी हद तक इससे राहत मिल जाती है। अगर इन घरेलू नुस्‍खों का प्रयोग करने के बाद भी बवासीर ठीक न हो तो चिकित्‍सक से संपर्क अवश्‍य कीजिए।

गोभी के फायदे

गोभी भारतीय भोजना का प्रमुख हिस्‍सा है। आसानी से उपलब्‍ध होने वाली गोभी में कई औषधीय गुण भी हैं। सामान्‍य बीमारी से लेकर कैंसर जैसी बीमारी के उपचार में गोभी सहायता करती है। पत्‍ता गोभी में दूध के बराबर कैल्शियम पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत करता है। गोभी का बीच उत्‍तेजक, पाचन शक्ति को बढ़ाने वाला और पेट के कीड़ों को नष्‍ट करने वाला है। गोभी का रस मीठा होता है। आइए हम आपको गोभी से होने वाले फायदों के बारे में जानकारी देते हैं। 




गोभी से लाभ - 
  • पेट दर्द के लिए गोभी बहुत फायदेमंद है। पेट दर्द होने पर गोभी की जड़, पत्‍ती, तना फल और फूल को चावल के पानी में पकाकर सुबह-शाम लेने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है। 
  • गोभी खाने से खून साफ होता है। गोभी का 
  • रस पीने से खून की खराबी दूर होती है और खून साफ होता है। 
  • हड्डियों का दर्द दूर करने के लिए गोभी के रस को गाजर के रस में बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से हड्डियों का दर्द दूर होता है। 
  • पीलिया के लिए भी गोभी का रस बहुत फायदेमंद है। गाजर और गोभी का रस मिलाकर पीने से पीलिया ठीक होता है। 
  • बवासीर होने पर जंगली गोभी का रस निकालकर, उसमें काली मिर्च और मिश्री मिलाकर पीने से बवासीर के मस्‍सों से खून निकलना बंद हो जाता है। 
  • खून की उल्‍टी होने पर गोभी का सेवन करने से फायदा होता है। गोभी की सब्‍जी या कच्‍ची गोभी खाने से खून की उल्टियां होना बंद हो जाती हैं। 
  • बुखार होने पर गोभी की जड़ को चावल में पकाकर सुबह-शाम सेवन करने से फायदा होता है। 
  • पेशाब में जलन होने पर गोभी का काढ़ा बनाकर रोगी को पिलाइए। इससे तुरंत आराम मिलता है। 
  • गले में सूजन होने पर गोभी के पत्‍तों का रस निकालकर दो चम्‍मच पानी मिलाकर खाने से फायदा होता है। 




गोभी की कई किस्‍में होती हैं - पत्‍ता गोभी, फूल गोभी और गांठ गोभी। गोभी के नर्म पिंड की अपेक्षा सख्‍त पिंड ज्‍यादा अच्‍छे माने जाते हैं। गोभी में कई प्रकार के रोगों को दूर करने की क्षमता होती है।

अलसी के असरकारी नुस्खे

टमाटर के फायदे

tamatar ke faayade
टमाटर को ज्यादतर मिक्स करके या फिर सलाद के साथ खाया जाता है। लगभग हर सब्जी को बनाते वक्त टमाटर का प्रयोग किया जाता है। हालांकि, टमाटर का सूप, जूस और चटनी भी बनाकर खाया जाता है। टमाटर में विटामिन सी, लाइकोपीन, विटामिन, पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। टमाटर में कोलेस्ट्रॉल को कम करने की क्षमता होती है। टमाटर खाकर वजन को आसानी से कम किया जा सकता है। टमाटर की खूबी है कि गर्म करने के बाद भी इसके विटामिन समाप्त नहीं होते हैं। आइए हम आपको टमाटर के गणों के बारे में बताते हैं।


टमाटर के गुण –
  • सुबह-सुबह  बिना कुल्ला किए पका टमाटर खाना स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होता है।
  • बच्चों को सूखा रोग होने पर आधा गिलास टमाटर के रस का सेवन कराने से बच्चे का सूखा रोग ठीक हो जाता है।
  • बच्चों के विकास के लिए टमाटर बहुत फायदेमंद होता है। दो या तीन पके हुए टमाटरों का नियमित सेवन करने से बच्चों का विकास शीघ्र होता है।
  • वजन घटाने के लिए टमाटर बहुत काम का होता है। मोटापा कम करने के लिए सुबह-शाम एक गिलास टमाटर का रस पीना फायदेमंद होता है।
  • यदि गठिया रोग है तो एक गिलास टमाटर के रस की सोंठ तैयार करें व इसमें एक चम्मच अजवायन का चूर्ण सुबह-शाम पीजिए, गठिया रोग में फायदा होगा
  • गर्भवती महिलाओं के लिए टमाटर बहुत फायदेमंद होता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को सुबह एक गिलास टमाटर के रस का सेवन करना चाहिए।
  • टमाटर पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। टमाटर के नियमित सेवन से पेट साफ रहता है।
  • कफ होने पर टमाटर का सेवन अत्यंत लाभदायक है।
  • पेट में कीड़े होने पर सुबह खाली पेट टमाटर में पिसी हुई कालीमिर्च लगाकर खाने से फायदा होता है।
  • भोजन करने से पहले दो या तीन पके टमाटरों को काटकर उसमें पिसी हुई कालीमिर्च, सेंधा नमक एवं हरा धनिया मिलाकर खाएं। इससे चेहरे पर लाली आती है।
  • टमाटर के गूदे में कच्चा दूध व नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे पर चमक आती है।
  • टमाटर के नियमित सेवन से अन्य रोग जैसे डायबिटीज, आंखों व पेशाब संबंधी रोगों, पुरानी कब्ज व चमड़ी के रोगों में फायदा होता है।


टमाटर का सेवन करने से नुकसान भी होता है। अम्ल पित्त, सूजन और पथरी के मरीजों को टमाटर नहीं खाना चाहिए। आंतों की बीमारी होने पर भी टमाटर का प्रयोग नहीं करना चाहिए। मांस पेशियों में दर्द या शरीर में सूजन हो तो टमाटर नहीं खाना चाहिए।

दमा रोग में खायें मछली

चावल खाने के फायदे

chawal khane ke faayadeचावल लोगों के मुख्य भोजन में शामिल होता है, लेकिन क्या आपको पता है चावल सेहत के लिहाज से भी उपयोगी माना जा सकता है। यह पचने में आसान होता है। चावल जितना पुराना हो उतना ही स्वादिष्ट और ओज से भरा होता है। चावल को सब्जी, मछली और मांस के साथ खाया जाता है। चावल में प्रोटीन, विटामिन और खनिज होते हैं। आइए हम आपको चावल के गुणों के बारे में बताते हैं।

चावल के लाभ –
  • चावल के मांड यानी पकाते वक्त बचा हुआ सफेद गाढा पानी बहुत काम का होता है। उसमें प्रोटीन, विटामिन्स व खनिज होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। इसलिए चावल को मांड सहित खाना चाहिए।
  • कमजोर पेट वालों के लिए चावल का मांड बहुत फायदेमंद है। चावल का मांड खाने से खाना पचाने में आसानी होती है। चावल में दूध मिलाकर 20 मिनट तक ढंककर रख दीजिए, फिर उसके खाइए ज्यादा फायदा होगा।
  • यदि डिनर में रोटी कम खाई जाए और चावल को प्रयेग ज्यादा किया जाए, तो यह हल्का भोजन आपके स्वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद होगा।
  • तीन साल पुराना चावल काफी स्वादिष्ट व ओजवर्धक होता है। इसलिए पुराने चावल का ज्यादा प्रयोग करना चाहिए।
  • अगर पेट की समस्या हो तो चावल की खिचडी का सेवन करना चाहिए।



  • आतिसार और पेचिश पडने पर चावल खाना चाहिए। अतिसार में चावल को आंटे की लेई की तरह पकाकर उसमें गाय का दूध मिलाकर रोगी को सेवन कराएं, इससे अतिसार में फायदा होगा।
  • चावल और मूंग के दाल की खिचडी खाने से दिमागी विकास होता है और शरीर शक्तिशाली होता है।
  • दस्त होने पर चावल का प्रयोग करना चाहिए। चावल को दही के साथ खाने से दस्त में फायदा होता है।
  • यदि भांग का नशा ज्यादा हो गया हो तो चावल धोकर निकाले पानी में खाने का सोडा दो चुटकी व शक्कर मिलाकर पिलाने से नशा उतर जाता है।
  • अगर पेशाब में कोई समस्या हो तो चावल के धुले पानी में सोडा और शक्कर मिलाकर पीने से पेशाब की समस्या दूर हो जाती है। यही पेय मूत्र विकार में भी काम आता है।
  • माइग्रेन या आधासीसी की समस्या हो तो रात को सोने से पहले चावल को शहद के साथ मिलाकर खाने से लाभ होता है। एक सप्ता‍ह ऐसा करने से सरदर्द की समस्या समाप्त हो जाएगी।
  • यदि महिलाएं गर्भ निरोधक प्रयोग नहीं करना चाहती हैं तो चावल धुले पानी में चावल के पौधे की जड़ पीसकर छान लें। इसमें शहद मिलाकर पिएं। यह हानिरहित सुरक्षित गर्भनिरोधक उपाय है।

सावधानी – डायबिटीज होने पर चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।

चावल खाने में भले ही स्वादिष्ट न हो लेकिन यह बहुत ही गुणकारी औषधि है। चावल के फायदे को आजमाते वक्त किसी कुशल वैद्य या चिकित्सक की सलाह अवश्य ले लीजिए।

कब्‍ज से बचने के घरेलू उपचार

सामान्‍य दिनों में पेट में ऐंठन और दर्द होना सामान्‍य है। लेकिन अनियमित खान-पान और लाइफस्‍टाइल कब्‍ज का प्रमुख कारण है।

kabj se bachane ke gharelu upcharअनियमित दिनचर्या और खान-पान के कारण कब्‍ज और पेट गैस की समस्‍या आम बीमारी की तरह हो गई है। कब्‍ज रोगियों में पेट फूलने की शिकायत भी देखने को मिलती है। लोग कहीं भी और कुछ भी खा लेते हैं। खाने के बाद बैठे रहना, डिनर के बाद तुरंत सो जाना ऐसी आदतें हैं जिनके कारण कब्‍ज की शिकायत शुरू होती है। पेट में गैस बनने की बीमारी ज्‍यादातर बुजुर्गों में देखी जाती है लेकिन यह किसी को भी और किसी भी उम्र में हो सकती है। आइए हम आपको कब्‍ज से बचने के घरेलू नुस्‍खे के बारे में जानकारी देते हैं।


कब्‍ज के उपचार के घरेलू उपाय –
  • सुबह उठने के बाद नींबू के रस को काला नमक मिलाकर पानी के साथ सेवन कीजिए। इससे पेट साफ होगा।
  • 20 ग्राम त्रिफला रात को एक लिटर पानी में भिगोकर रख दीजिए। सुबह उठने के बाद त्रिफला को छानकर उस पानी को पी लीजिए। इससे कुछ ही दिनों में कब्‍ज की शिकायत दूर हो जाएगी।
  • कब्‍ज के लिए शहद बहुत फायदेमंद है। रात को सोने से पहले एक चम्‍मच शहद को एक गिलास पानी के साथ मिलाकर नियमित रूप से पीने से कब्‍ज दूर हो जाता है।
  • सुबह उठने के बाद बिना कुछ खाए हुए, 4-5 दाने काजू के और 4-5 दाने मुनक्‍का के साथ खाइए, इससे कब्‍ज की शिकायत समाप्‍त होगी।
  • हर रोज रात में हर्रई को पीसकर बारीक चूर्ण बना लीजिए, इस चूर्ण को कुनकुने पानी के साथ पीजिए। कब्‍ज दूर होगा और पेट में गैस बनना बंद हो जाएगा।
  • रात को सोते वक्‍त अरंडी के तेल को हल्‍के गरम दूध में मिलाकर पीजिए। इससे पेट साफ होगा।
  • इसाबेल की भूसी कब्‍ज के लिए रामबाण दवा है। दूध या पानी के साथ रात में सोते वक्‍त इसाबेल की भूसी लेने से कब्‍ज समाप्‍त होता है।
  • अमरूद और पपीता कब्‍ज के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। अमरूद और पपीता को किसी भी समय खाया जा सकता है।
  • किशमिश को पानी में कुछ देर तक डालकर गलाइए, इसके बाद किशमिश को पानी से निकालकर खा लीजिए। इससे कब्‍ज की शिकायत दूर होती है।
  • पालक का रस पीने से कब्‍ज की शिकायत दूर होती है, खाने में भी पालक की सब्‍जी का प्रयोग करना चाहिए।
  • अंजीर के फल को रात भर पानी में डालकर गलाइए, इसके बाद सुबह उठकर इस फल को खाने से कब्‍ज की शिकायत समाप्‍त होती है।
  • मुनक्‍का में कब्‍ज नष्‍ट करने के तत्‍व मौजूद होते हैं। 6-7 मुनक्‍का रोज रात को सोने से पहले खाने से कब्‍ज समाप्‍त होती है।



कब्‍ज की समस्‍या से बचने के लिए नियमित रूप से व्‍यायाम और योगा करना चाहिए। गरिष्‍ठ भोजन करने से बचें। इन नुस्‍खों को अपनाने के बाद भी अगर पेट की बीमारी ठीक नही होती तो चिकित्‍सक से संपर्क अवश्‍य कीजिए।